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लेखनी प्रतियोगिता -17-Jun-2022 मुक्तक : अपनापन



मुंह में मिठास घोल, गले लगकर अपनापन जताते हैं 
काम पड़ने पर ऐसे लोग, कहीं दूर खड़े नजर आते हैं 
खून के रिश्तों से ही कोई अपना नहीं हो जाता है "हरि"
अपने तो वो हैं जो जरूरत के समय साथ नजर आते हैं 

हरिशंकर गोयल "हरि" 
17.6.22 

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6 Comments

Punam verma

18-Jun-2022 08:34 AM

Nice

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Abhinav ji

18-Jun-2022 07:56 AM

Nice👍

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Swati chourasia

17-Jun-2022 07:52 PM

Nice

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